बिंदुवार विचार
1.] अगर राजनीति में हैं, तो आपको मानव-प्रेम कभी नहीं होंगे । अगर होंगे भी तो किसी चिह्नित से ही प्रेम होंगे ।
2.] भारत में भी काला – गोरा में भेद है, यह देख बड़ा अजीब लगता है ! आप किसी असुंदर पर भी दिल लगाकर देखो, तब ही आपकी अहमियत पता चलेगी !
3.] जो जीतता है, वह ही सिकंदर नहीं है ! क्योंकि सिकंदर आततायी थे, वैसे भी वे सभी देश व भूखंडों को नहीं जीत पाये थे ! भारत को तो हरगिज़ नहीं, फिर उसे विश्वविजेता क्यों कहूँ ? हाँ, ऐसी मंशा लिए वे भारत आये थे, किन्तु यहाँ आते ही उनके प्राण-पखेरू उड़ गए ।
4.] लोग कहते हैं- ‘मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी’। परंतु नए नोट आते ही गाँधी जी और भी विहँस रहे हैं और मजबूर तो इन नोटों के संचयी लोग हैं ! इनके पास बेनामी नोट ही नहीं, बेनामी संपत्ति भी है । ऐसे में बतायेंगे, गाँधी जी कब, कहाँ और कैसे मजबूर हुए ?