शुकराने
रोज रात को को परिवार-संग,
करता प्रभु के शुकराने,
जिसने दी सब सुविधाएं,
खाने को अनगिन दाने.
होठों पर मुस्कान लिए मैं,
ताली खूब बजाता हूं,
बड़े प्रेम से धन्यवाद के,
गीत खुशी से गाता हूं.
मम्मी कहती सच पूछो तो,
यही है सच्ची पूजा,
मुस्काकर हरि-गुण गाने सम,
काम न प्यारा दूजा.