कविता

आया रक्षा बंधन

आया जी आया रक्षा बंधन का त्यौहार ,
भाई – बहनों के प्यार का त्यौहार आया ,
जीवन के जन्मों-जन्मों का साथ लेकर आया ,
बहना भाई के जीवन की रक्षा का मनुहार लेकर आया ,
आया रे आया रक्षा बंधन का त्यौहार लेकर आया
संसार के हर दुखों से भाई की रक्षा का वचन लाया ,
जन्म से लेकर  मृत्यु तक जीवन की रक्षा का आशीर्वाद लेकर आया ,
हर संकट में हौसला बढ़ाती बहन भाई को आलोकित करने आयी,
प्यार दुलार भाई पर लुटाती हमेशा प्यार लेकर आयी  ,
आया रे आया रक्षा बंधन का त्यौहार लेकर आया ,
जीने की हजारों-हजार साल तक कामना लेकर आया ,
भाई के हर दुखों को हरने की दुआ लेकर आया ,
उनके सुखी जीवन की कामना करती दुलार लेकर आयी ,
अपना अमृत सागर सुख चैन लुटाती प्यार लेकर आयी ,
आया रे आया रक्षा बंधन का त्यौहार लेकर आया ,
बहना भाई की एक शान होती है ,
जीवन में हर परिस्थितियों से भाई को सबसे बचाती है ,
ममता की चादर को भाई पे ओढाती है ,
ममता की मूरत से जीवन को सजाती है !
आया रे आया रक्षा बंधन का त्यौहार आया !
— रुपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]