छठ माँ की आराधना
सूरज निकला सुनहरी रोशनी में,जल में चमके उसकी निर्मल धारा।धरती ने ओढ़ी पूजा की चादर,हर घाट बना भक्ति का सहारा।
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Read Moreदीपों का ये पर्व है निराला,हर घर में छाए उजियाला।अमावस की रात में चमके दीया,हर मन गाए प्रेम का जिया।
Read Moreजीवन के सफर में तेरी आँखें,उस पल की तरह थीं बिल्कुल नई,जब पहली बार तू सामने आई,और मेरी साँसें थम
Read Moreसौंदर्य की अधिष्ठात्री माँ तू शैलपुत्री,पहाड़ों की बेटी, प्रेम की धारा है तू,बैल पे सवारी करती, त्रिशूल किनारा।शिव की अर्धांगिनी
Read Moreमहागौरी अष्टमी माता, कर दे सबका उद्धार।तेरे चरणों में आकर, मिले जीवन का आधार।। श्वेत वस्त्र में सजी हो माँ,
Read Moreस्वर्णाभ आभा में लिपटी, दिव्य प्रभा की ज्योति हो तुम,सिंहवाहिनी महाशक्ति, सकल ब्रह्मांड की स्रोतस्वरूप तुम।मस्तक पर अर्धचंद्र की रेखा,
Read Moreजीवन एक सफ़र है, जिसमें रास्ते बदलते हैं, मंज़िलें बदलती हैं, और लोग भी बदलते रहते हैं। इस सफ़र में
Read Moreबिहार के सीवान जिले के चैनपुर गॉंव के स्व० भीष्म प्रसाद के सबसे छोटे पुत्र रूपेश कुमार को उत्तर प्रदेश
Read Moreराखी आई, पर कुछ जीवन मे अधूरा है,ना कोई आवाज़, ना कोई झगड़ा प्यारा है।कलाई तो है, पर वो रक्षा
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