Author: रूपेश कुमार

भजन/भावगीत

शांति का प्रतीक : माँ चंद्रघंटा

स्वर्णाभ आभा में लिपटी, दिव्य प्रभा की ज्योति हो तुम,सिंहवाहिनी महाशक्ति, सकल ब्रह्मांड की स्रोतस्वरूप तुम।मस्तक पर अर्धचंद्र की रेखा,

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