बारिश में नहाने से बहते आँसू का पता नहीं !
‘मेरा नाम जोकर’ का जोकर की भूमिका में राज कपूर ने बिल्कुल ही चार्ली को जिया है। मेरा नाम जोकर में राजू की माँ मर जाती है और मृतका की देह घर पर पड़ी है, बावजूद वे सर्कस में लोगों को अपने अभिनय का छाप छोड़ रहे होते हैं। राज कपूर के पोते रणवीर कपूर ने इसे ‘बर्फी’ में जिया है । बॉलीवुड में अभिनेत्रियों ने भी चार्ली के अभिनय को जी हैं, यथा- मिस्टर इंडिया में श्रीदेवी, तो अन्यार्थ फ़िल्म में विद्या बालन ! चार्ली का जीवन अभावों में बीता, द्रष्टव्यश: माँ-पिता के जीवित रहते भी अनाथालय गया, माँ-पिता को अलग होते देखा, सौतेली माँ की अत्याचार देखा, बाल्यावस्था में ही पिता की दर्दनाक मौत देखा, स्वयं की शादी भी टूटते देखा, कई मुक़द्दमें भी झेला, हिटलर की रूपाकृति पर धमकियाँ भी झेलें, आजन्म दुःख और उपहास पाया । तब कहीं जाकर वे चार्ली चैपलिन बन पाए ! उन्होंने खुद कहा है- “मुझे बारिश में भींगना अच्छा लगता है, क्योंकि कोई तब मेरे आंसू देख नहीं सकता है।”