8 नानाविध क्षणिकाएँ
1.
पाश्विक वेदना
मछली या दूसरे जीवों को
मारकर खाने से
बुद्धि अगर विकसित होती,
तो तमाम मांसाहार प्राणियों की
प्रजातियाँ
विलुप्त नहीं होती,
न ही विलुप्ति के कगार पर होती !
माँसभक्षण उत्तम आहार नहीं,
सर्वाहार भी उत्तम आहार नहीं !
2.
अ-मांसाहार
सृष्टि का सर्वोत्तम आहार
‘शाकाहार’ है
और शाकाहारी प्रजातियाँ ही
सृष्टि तक
सुरक्षित एवं संरक्षित रह सकती है !
यह दबाव नहीं है,
अपितु शुभचिंतना है,
शुभेच्छाएँ हैं !
3.
सायास प्रसंग
पाकिस्तान के पीएम
‘इमरान खान’ हैं,
तो उनके बैटिंग को
ध्वस्त करने के लिए
सुयोग्य बॉलिंग के लिए
हिंदी फिल्म ‘नायक’ की तरह
एक दिन के लिए
भारत के प्रधानमंत्री
‘कपिल देव’ को बना देना चाहिए !
एक प्रश्न !
सायास प्रसंग !
4.
मोहतरम
टिप्पणी न करने से तात्पर्य
न पढ़ने से थोड़े है, मोहतरम !
साहित्य से जुड़ाव
ढोल पीटकर तो नहीं की जाती !
प्रकाशन का निर्णय आप पर है !
आप एडमिन हैं,
मॉडरेटर हैं,
मर्जी तो आपकी ही चलेगी !
फिर भी सादर प्रेषित !
5.
निरपेक्ष
आपने पोस्ट किया,
इसके लिए आपको
हृदय से आभार, भाई !
पुनश्च प्रेम और स्नेह,
स्नेहिल नमन !
उत्साह बढ़ाने के लिए
सादर आभार, मेरे भाई !
विनम्रता के सापेक्ष
और निरपेक्ष से परे,
या निकट आएं
या दूर निकला करें !
6.
टिप्पणी
लाइक का अर्थ पसंद से है !
टिप्पणी का अर्थ
हृदयग्राह्यता से है !
अगर मेरी रचना पसंद नहीं,
तो ठीक है, भाई !
इसे अन्यथा न लेंगे !
सोशल मीडिया में
अन्य नाम से हूँ,
जो साहित्य अवस्थाएँ लिए है !
इनसे ज्यादा कह नहीं सकता !
7.
छुआछूत
27 जुलाई 2018 के मध्यरात्रि से
लगभग 4 घंटे के लिए ‘चंद्रग्रहण’ भी है ।
इस अवधि में हमें
वैज्ञानिकी-आचरण अपनाने चाहिए
और किसी तरह के ढोंग,
मिथ्याडम्बर
और हास्यास्पदनिवृत्ति से बचना चाहिए ।
ग्रहण न कोई छूत है,
न ही इनसे कोई पाप होता है ।
8.
भोला जी
जो जहाँ सहज रहे,
वहीं अच्छा है…..
गुलाम नबी आजाद से त्रस्त
और बच्चे तेजस्वी से आहत हो
नीतीश जी की घर वापसी
बुरा थोड़े ही है !
कुछ ही साल पीछे का भोला (भूला)
बारह बजे रात्रि घर वापस आ जाये,
तो वो भूला थोड़े ही कहा जायेगा !