इतिहास

फिल्मी दुनिया का एक और बेजोड़ सितारा हमें छोड़ चला…

पिछली सदी के पचास और सत्तर के दशक में एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आई अभिनेत्री, जिनका नाम कुमकुम था, अपने सशक्त अभिनय और नृत्य से भारतीय दर्शकों में अपना अविश्वमरणीय स्थान बनाईं थीं। उनका जन्म बिहार के शेखपुरा के हुसैनाबाद में 1934 में एक मुस्लिम जमींदार परिवार में हुआ था, इनके बचपन का नाम जैबुन्निसा नाम था। उनके पिता हुसैनाबाद के एक नबाब थे।
उन्होंने फिल्मी दुनिया में स्वर्गीय गुरूदत्त की फिल्म आरपार से कदम रखा था, उन्हीं पर स्वर्गीया शमशाद बेगम के गाए मधुर गीत और संगीत वाला अमर गीत ‘कभी आर कभी पार लागा तीरे नज़र ‘ फिल्माया गया था। स्वर्गीया कुमकुम जी को फिल्मी दुनिया में लाने का श्रेय मशहूर निर्देशक व अभिनेता स्वर्गीय गुरूदत्त जी को ही जाता है। कुमकुम जी अपने समय के सभी मशहूर और दिग्गज अभिनेताओं मसलन, देवानंद, दिलीप कुमार, संजीव कुमार, धर्मेंद्र, राजेन्द्र कुमार, शम्मी कपूर, किशोर कुमार, जॉनी वाकर आदि के साथ सशक्त अभिनय किया था, उन्होंने कुल मिलाकर 115 फिल्मों में काम किया था, जिनमें मदर इंडिया, मिस्टर एक्स इन बॉम्बे, सन ऑफ इंडिया, कोहिनूर, राजा और रंक, उजाला, नया दौर, श्रीमान फंटूश, गंगा की लहरें, एक सपेरा एक लुटेरा, कुंदन, सीआईडी, प्यासा, गीत, आँखें, ललकार आदि अपने जमाने की जानीमानी फिल्मों में थीं, वे भोजपुरी की भी कुछ उल्लेखनीय फिल्मों जैसे ‘ए गंगा मइया तुझे पियरी चढ़इबों ‘और लागी नाही छूटे रामा ‘जैसी अच्छे कथानक व मधुर संगीत वाली फिल्मों में काम किया था।
भोजपुरी फिल्मों में उन पर फिल्माए गए गाने भोजपुरी क्षेत्र में अभी भी उसी उत्साह और लगन से सुने जाते हैं, जिस तरह पचास और सत्तर के दशक में सुने जाते थे, उदाहरणार्थ उन पर फिल्माया गया गीत ‘लाली-लाली ओठवा से बरिसे ललईया हो कि रस चुएला ‘और ‘बनवारी हो हमरा के बलमा गँवार ‘आदि गाने उल्लेखनीय हैं, उसी प्रकार हिन्दी फिल्म गंगा की लहरें का वह अमर गीत जो उन्होंने किशोर कुमार के साथ अभिनीत किया था का वह अमर गीत ‘छेड़ो ना मेरी जुल्फें.. सब लोग क्या कहेंगे…’ , इसी प्रकार हिन्दी की ऐतिहासिक फिल्म मदर इंडिया में उन पर और स्वर्गीय राजेन्द्र कुमार पर, लता जी द्वारा गाया गया और फिल्माया गया अमर गीत ‘घूँघट नहीं खोलूँगी सैंया तोरे आगे…’ , राजा और रंक फिल्म का वह गीत जो उन्होंने संजीव कुमार के साथ अभिनीत किया था का गीत ‘मेरा नाम है चमेली..मैं हूँ मालन अलबेली..चली आई हूँ, अकेली बीकानेर से..’ तो अपने समय में धूम मचा दी थी।
ऐसी सशक्त और दमदार अभिनय करनेवाली अभिनेत्री कुमकुम जी के अभिनय को भुलाया नहीं जा सकता ! उनके अभिनय की यह भी विशेषता थी कि वे अपने अभिनय और गानों में कहीं भी वह फूहड़ता व अश्लीलता की मर्यादा का कभी भी अतिक्रमण नहीं होने दिया, ऐसी मर्यादित , सशक्त अभिनय करनेवाली अभिनेत्री स्वर्गीया कुमकुम जी को अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि।

— निर्मल कुमार शर्मा

*निर्मल कुमार शर्मा

"गौरैया संरक्षण" ,"पर्यावरण संरक्षण ", "गरीब बच्चों के स्कू्ल में निःशुल्क शिक्षण" ,"वृक्षारोपण" ,"छत पर बागवानी", " समाचार पत्रों एवंम् पत्रिकाओं में ,स्वतंत्र लेखन" , "पर्यावरण पर नाट्य लेखन,निर्देशन एवम् उनका मंचन " जी-181-ए , एच.आई.जी.फ्लैट्स, डबल स्टोरी , सेक्टर-11, प्रताप विहार , गाजियाबाद , (उ0 प्र0) पिन नं 201009 मोबाईल नम्बर 9910629632 ई मेल [email protected]