कुछ मौजूँ विचार….
दो प्यार करनेवाले हमेशा ही एक-दूजे के साथ धोखा करते हैं, जब इस धोखाधड़ी से परास्त हो जाते हैं, तो शादी कर लेते हैं और जब वे दोनों नम्बर 1 धोखेबाज बन जाते हैं, तो बिना तलाक दिए अलग हो जाते हैं, फिर नए सिरे से किसी अन्य मुर्गे-मुर्गी को धोखा देने के लिए !
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किसी पुरुष के सफलता के पीछे ‘औरतों’ के हाथ होते हैं, अगर सफल नहीं हो पा रहे हैं तो औरत बदल दीजिये, अगर फिर सफल नहीं हो पा रहे हैं, फिर बदल दीजिये । फिर भी सफल नहीं हो रहे हैं, तो फिर चौराहिये ! …और अंततः सफल होने के लिए ‘इमरान खान’ बन जाइये ! तब सफलता ही नहीं, एक देश आपके कदम चूमेंगे !
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आप किसकी और किस गुरुजी की बात करते हैं ? मैं कोई गुरुजी नहीं हूँ ! गुरुजी की परिभाषा बहुत वृहद है । आपके छोटे भाई-बहन है ! अगर है, तो आपके माता-पिता को यह शोभा दिया कि हमारे पहले से जन्मे बच्चे भी हमारी हरकत को जान रहे होंगे ! कुर्सी पर सिर्फ विद्यालय में ही बैठे जाते हैं, क्या ! बददिमागी बात करते हैं ! आजकल शिक्षक पेशा है, मर्यादा नहीं ! क्या सेक्स सिर्फ आप जैसे ही करेंगे ? अगर आपकी उम्र 21 वर्ष से ऊपर है, तो आपसे बहस बेकार है और आप मेरी मित्र -सूची से हट सकते हैं ! विद्यालय कोई मन्दिर या मस्जिद नहीं है । अगर इसे ऐसा बनाओगे, तो यहाँ नियमित पूजा-पाठ और अज़ान भी होंगे ! चाँद का टुकड़ा और उखड़ी-उखड़ी से क्या आशय है, आपके ? सच में, अधजल गगरी छलकत जाय ? मैं आपके comment को हटा सकता था ! किंतु आपने मुँह पर कहा, तो मैंने भी जवाब दिया !