10 आदर्शकोणीय क्षणिकाएँ
1.
चाटुकार
जनता घर पर
पसीने से लथपथ,
डरे राजा-चाटुकार,
सूनी राजपथ !
बगूले और आदमी की
खोज एक है,
मछलियों को दगा देती
उनकी ही विवेक है !
2.
लव और धोखा
दो प्यार करनेवाले
हमेशा ही
एक-दूजे के साथ
धोखा करते हैं;
जब इस धोखाधड़ी से
परास्त हो जाते हैं,
तो दोनों आपस में
शादी कर लेते हैं!
3.
छुरीवाले
‘मुँह में राम, बगल में छुरी’
रखनेवाले
सभी मित्रो को
‘मित्रता दिवस’ के बाद भी
घी-पूवे, खीर-खोवे,
मटन-सटन से
कंठभर आदर-सत्कार !
4.
कुमित्र
सभी ‘चापलूस’ मित्रो को,
जो मुझे भी
हाँ-हाँ कहते हैं
और मेरे विपक्ष को भी
‘हाँ’ करते;
उन्हें इस साल का
सर्वोत्तम मित्रता पुरस्कार !
5.
रवीश पुरस्कार
उन सभी मित्रो को,
जो मेरी गलतियाँ पर मुझे
सबके सामने टोकते हैं,
उन्हें ‘दिल’ से
‘रवीश कुमार’ पुरस्कार से
सुशोभित किये जाते हैं !
6.
सुंदर औरत
दो सुंदर औरतें
एक-दूसरे का सामना
कभी नहीं कर सकती हैं,
चाहे वे दोनों
रिश्ते में
सगी बहन ही क्यों न हो ?
7.
तलाकमय धोखा
प्यार करनेवाले जोड़े
बिना तलाक दिए
अलग हो जाते हैं,
फिर नए सिरे से
किसी अन्य मुर्गे-मुर्गी को
धोखा देने के लिए !
8.
औरत का हाथ
किसी पुरुष के
सफलता के पीछे
‘औरत’ का हाथ होती हैं !
प्रश्न है,
अगर सफल नहीं हो पा रहे हैं,
तो क्या
औरत को
बदल देनी चाहिए ?
9.
हँसते रहो
सोच नहीं, शौच है !
हँस भी लो डार्लिंग !
हँसना गायब क्यों कर दिए हो ?
लोगों को खुद हँसने
और दूसरे को
हँसाते रहने चाहिए !
10.
अपनी-अपनी सोच
यार….
सोच अनुभवों से छनते हैं,
तेरा अनुभव ठीक है,
मेरा ठीक नहीं है !
उम्मीदों पर
दुनिया टिकी है,
पर अबतक दुनिया पे
उम्मीद टिकाए था !