अपनी-अपनी श्रद्धा और श्रीसीता माता की भव्य मंदिर
सनातन ग्रंथ ‘रामायण’ के आराध्यनायक श्रीरामचन्द्रजी की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण हेतु नींव रखी गयी, अब आराध्यनायिका श्रीसीता जी की जन्मभूमि सीतामढ़ी, बिहार में भव्य जानकीमंदिर बन जाय। अयोध्या 5 अगस्त राम की भक्ति में रंग गयी है, रम गयी है, जैसे- लंकाविजय के बाद उनके अयोध्या वापसी पर दीपोज्ज्वल हो रहे हैं।
देश-दुनिया में सबों की अपनी-अपनी श्रद्धा-आस्था है । वैसे आपदा काल में सर्वाधिक जो जरूरी हो, वही कार्य होनी चाहिए थी । जब मनुष्य की सृष्टि पर ही आफत आ जाती है, तो पहले मानव जाति को बचाया जाता है, संस्कृति तो स्वयमेव बच जाएगी ! वैसे भारतीय जनता पार्टी के लक्ष्य में राम मंदिर निर्माण शामिल है, फिर 5 अगस्त को अयोध्या में भूमिपूजन कार्यक्रम इनके सापेक्ष है।
कोरोनाकाल एक संक्रमणकाल है, एतदर्थ इस संक्रमण के दौर में बाह्य के साथ-साथ मन के अंदर भी आस्था और श्रद्धा बसे और श्रीराम से बेड़ापार हो ! ऐसे में यज्ञ प्रयोजन और भूमि पूजन आशावादी हो सकती है, सुरक्षित रहते हुए आस्थात्मक लोगों के लिए 5 अगस्त की तिथि राममंदिर की नींव लिए इतिहास में अंकित हो गयी। भारतमाता की जय, जय श्रीराम, जय सियाराम, जय बजरंगबली के जयकारे से राममंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हुई।