कश्मीर की पूर्ण भारतीयता के एक साल
26 साल पहले जब मैं ‘सवेरा समाचार फ़ीचर सर्विस, बम्बई’ के लिए पत्रकार था, तब इस फ़ीचर सर्विस के बतौर मेरे आलेख “कश्मीर : सूर्पनखा की नाक” जयपुर (राजस्थान) से प्रकाशित साप्ताहिक ‘आमख़्याल’ के 14 जुलाई 1994 के अंक में प्रकाशित हुई। आज जब खंड-1 को छोड़कर भारतीय संविधान की अनुच्छेद- 370 (2) (3) ख़त्म हो चुकी है तथा सूर्पनखा की नाक की भाँति ‘जम्मू और कश्मीर’ तथा ‘लद्दाख’ 2 नए केंद्रशासित प्रदेश हो गए हैं, तो इस आलेख की प्रासंगिकता 26 वर्षीय भविष्य की दृष्टि लिए है ! अब कुछ कश्मीरियों में आई विलासिता (विशेष दर्ज़ा) समाप्त होगी तथा गरीबी खत्म होगी !
5 अगस्त 2017 को 516/244 का स्कोर। यह किसी 2 क्रिकेट टीम का स्कोर नहीं है, अपितु MVN=516 और GKG=244 लिए यह देश के बिल्कुल नए महामहिम उपराष्ट्रपति (MVN) के स्कोर व उन्हें मिले वोट की संख्या है, तो 244 स्कोर श्री गोपाल कृष्ण गाँधी को प्राप्त हुए वोटों की संख्या है। वर्ष 2017 में भारत के नए उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु (MVN) को देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद को Vision-2020 के प्रसंगश: सँभालने के लिए हार्दिक और अनंत शुभकामनाएँ।
अब देश के सर्वोच्च चारों पदों (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभाध्यक्ष, प्रधानमंत्री) पर एक राजनीतिक पार्टी और एक विचारधारा के व्यक्ति ससम्मान विराज चुके हैं । आशा है, अब हम सामाजिक, वैज्ञानिक, आर्थिक, सुरक्षा, वैदेशिक नीति लिए खूब प्रगति करेंगे। राष्ट्रपति उत्तर भारत से, उपराष्ट्रपति दक्षिण भारत से, लोकसभाध्यक्ष मध्यभारत से, प्रधानमंत्री पश्चिम भारत से, मुख्य सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल पूर्वोत्तर भारत से और श्री नीतीश कुमार के रूप में पूर्वी भारत मिल सम्पूर्ण भारत के प्रतीकार्थ हो गए हैं। माननीय उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू के कार्यकाल के 3 वर्ष पूरे हुए । यह संयोग ही है, दूसरे वर्ष 370 की समाप्ति और तीसरे वर्ष श्रीरामजन्मभूमिमंदिर हेतु भूमिपूजन समय वे सभापति हैं।