माखन के चोर
माखन के चोर ,
गोपियों की नैनो के मोर,
तूने कैसा खेल किया ,
दुनिया सारी तुम्हारे है ओर ,
मीरा तुम्हारी दीवानी ,
राधा तुम्हारी दीवानी ,
दुनिया तुम्हारे दीवाने ,
तेरे हाथों युग बना घनगोर,
कहीं जन्मा तू ,
कहीं पला तू ,
कहीं खेला तू ,
कहीं रहा तू ,
तेरे रूप अनेक ,
तेरे रंग अनेक ,
किसी के दिल में तू ,
किसी के सांसो में तू ,
तू दुनिया के पालन हारी,
तू दुनिया के सबके दुलारे ,
तू है तो दुनिया है ,
तू है तो हम है !
— रूपेश कुमार