‘दर्शन दो घनश्याम’ के रचनाकार
हिंदी साहित्यकार “गोपाल सिंह नेपाली” के जन्मदिवस पर सादर नमन ! हिंदी और नेपाली भाषा के साहित्यकार गोपाल बहादुर सिंह, जो गोपाल सिंह ‘नेपाली’ के नाम से संसारख्यात हुए । नेपाली जी का जन्म बिहार के बेतिया में आज के दिन यानी 11 अगस्त 1911 को हुआ था।
ध्यातव्य है, उनके सुपुत्र श्री नकुल सिंह नेपाली ने बम्बई उच्च न्यायालय में ऑस्कर विजित फ़िल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ के निर्माताओं के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसमें यह कहा गया है कि डैनी बॉयल ने ‘दर्शन दो घनश्याम’ नामक गाने के लिए संतकवि सूरदास को उद्धृत किया है, जो गलत है।
दरअसल नेपाली जी के सुपुत्र ने याचिका में यह कहा है कि यह गाना उनके पिता ने लिखा था, साथ ही उन्होंने कहा है कि डैनी बॉयल तथा ‘सेलॉदर फिल्म्स लिमिटेड’ ने उनके पिता की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचायी है तथा उनके लेखकीय अधिकारों व कॉपीराइट का उल्लंघन किया है। नेपाली जी के पुत्र ने मुआवजा के रूप में 5 करोड़ रुपये एवं याचिका दायर होने की तिथि से निर्णय होने तक 21 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से ब्याज का दावा भी किया है।
उन्होंने यह भी मांग की है कि फिल्म के किसी भी भाग में यह दर्शाने के लिए फिल्म निर्माताओं पर रोक लगायी जाए कि उक्त गाने के लेखक सूरदास हैं, जबकि इसके गीतकार हैं– गोपाल सिंह नेपाली, जिन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे और एक पत्रकार के रूप में रतलाम टाइम्स, चित्रपट, सुधा एवं योगी नामक चार पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया।
1962 के चीनी आक्रमण के समय उन्होने कई देशभक्ति गीत और कविताएं भी लिखीं, जिनमें ‘सावन’, ‘कल्पना’, ‘नीलिमा’, ‘नवीन कल्पना करो’ इत्यादि बहुत प्रसिद्ध रही हैं ।
1933 में बासठ कविताओं का इनका पहला संग्रह ‘उमंग’ प्रकाशित हुआ था। ‘पंछी’ ‘रागिनी’ ‘पंचमी’ ‘नवीन’ और ‘हिमालय ने पुकारा’ इनके काव्य और गीत संग्रह हैं। नेपाली ने सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के साथ ‘सुध’ मासिक पत्र में और कालांतर में ‘रतलाम टाइम्स’, ‘पुण्य भूमि’ तथा ‘योगी’ के संपादकीय विभाग में काम किया था। मुंबई प्रवास के दिनों में नेपाली ने तकरीबन चार दर्जन फिल्मों के लिए गीत भी रचा था। उसी दौरान इन्होंने ‘हिमालय फिल्म्स’ और ‘नेपाली पिक्चर्स’ की स्थापना की थी। निर्माता-निर्देशक के तौर पर नेपाली ने तीन फीचर फिल्मों ‘नजराना’, ‘सनसनी’ और ‘खुशबू’ का निर्माण भी किया था।