भजन/भावगीत

हे श्याम

हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
तुम बिन सूना-सूना गोकुल, सूना है ब्रज धाम।
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
सूना  है  माता   का आँचल।
पसरा रहता है जो  हर पल।
पहन आध, पहनाऊँ आधा-
आये जब काधा लेकर कल।।
कर ले वह विश्राम।
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
राधा  का  है  प्यार निराला।
एक प्राण, दो  काया वाला।
धड़कन धड़कन साँस साँस में-
शाश्वत दिल धड़काने वाला।।
जय जय राधेश्याम।
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
गोबर्धन   गोपिन   गौमाता।
गोकुल मन को तनिक न भाता।
जैसे हृदय निकाल लिया हो-
निपट कसाई क्रूर विधाता।।
तड़पत आठों याम।
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
— डॉ अवधेश कुमार अवध

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 [email protected] शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन