हे श्याम
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
तुम बिन सूना-सूना गोकुल, सूना है ब्रज धाम।
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
सूना है माता का आँचल।
पसरा रहता है जो हर पल।
पहन आध, पहनाऊँ आधा-
आये जब काधा लेकर कल।।
कर ले वह विश्राम।
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
राधा का है प्यार निराला।
एक प्राण, दो काया वाला।
धड़कन धड़कन साँस साँस में-
शाश्वत दिल धड़काने वाला।।
जय जय राधेश्याम।
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
गोबर्धन गोपिन गौमाता।
गोकुल मन को तनिक न भाता।
जैसे हृदय निकाल लिया हो-
निपट कसाई क्रूर विधाता।।
तड़पत आठों याम।
हे श्याम! हे श्याम!! हे श्याम!!! हे श्याम!!!!
— डॉ अवधेश कुमार अवध