बड़घरिया से आशय
मैं जमींदार उसी को मानता हूँ, जिन्होंने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा जीवनयापन के लिए रखकर शेष भूमि विद्यालय, महाविद्यालय, अस्पताल इत्यादि बनने के लिए दान कर दिए हों ! मैंने ऐसे लोगों को देखते आया है, जो धनी व पैसेवाले होने को लेकर डींगें हाँकते हैं, किन्तु जब आप मिलेंगे, तो वे आपको चाय तक के लिए पूछेंगे नहीं ! मैं धनी व पैसेवाले उसी को कहता हूँ, जो सप्ताह में कम से कम एकबार अभावी लोगों को भोजन कराएं और उन्हें आर्थिक मदद भी करें ! बड़ा आदमी से मतलब है, वो बड़प्पन दिखाए और अनुज-ज्ञानी को भी सम्मान दें ! ‘बड़घरिया’ से आशय है, वे आवासहीन लोगों को रहने के लिए भी घर बनाकर दें !
आनंद आजकल खूब भाषण झाड़ते हैं।