वैजयंतीमाला और श्रीदेवी
महान अभिनेत्री श्रीदेवी और वैजयंतीमाला के जन्मदिवस पर नमन ! 83 वर्षीय महान अदाकारा वैजयंती माला ‘नागिन’ हैं, तो स्वर्गीया श्रीदेवी ‘नगीना’ ! माला जी की ‘देवदास’ में अच्छी अदा ! तो श्रीदेवी जी की ‘सदमा’ में ! एक को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री की फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार मिली, तो दूजे को मरणोपरांत सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार। दोनों भारत सरकार के ‘पद्म अवार्डी’। दोनों के जन्मदिवस 13 अगस्त को ! दोनों तमिलनाडु से ! आदरणीया श्रीदेवी को एतदर्थ सादर नमन, तो श्रीमती माला को शतायुजीवन लिए मंगलकामनाएं ! विकिपीडिया के अनुसार, वैजयन्ती माला ने अपनी शुरुआत तमिल भाषीय फ़िल्म ‘वड़कई’ से 1949 में की। इसके पश्चात उसने तमिल फ़िल्म ‘जीवितम’ में 1950 में काम किया। वैजयन्ती माला ने सबसे पहले हिन्दी फ़िल्म बहार और लड़की में काम किया। नागिन फ़िल्म की सफलता के पश्चात बह हिन्दी फ़िल्मों में पूर्णत: स्थापित अभिनेत्री बन गई और इसके साथ-साथ तमिल और तेलुगु फ़िल्मों में काम करने लगी। बॉक्स-ऑफ़िस की फ़िल्मों में प्रसिद्ध होने के पश्चात वह देवदास में चन्द्रमुखी के चरित्र में 1955 में भूमिका निभा चुकी है। अपने पहले ड्रामाई चरित्र में उसे फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड प्राप्त हुआ। इसके पश्चात वैजयन्ती माला कई कामियाब फ़िल्मों में देखी गई जिनमें नई दिल्ली, नया दौर और आशा शामिल हैं। अपने करियर के परमशिखर पर 1958 में उसकी दो फ़िल्में साधना और मधुमति की फ़िल्म आलोचकों ने जमकर प्रशंसा की और व्यापारिक दृष्टि से काफ़ी कामिया रहे। उसे दो फ़िल्मों साधना और मधुमती के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में नामांकित किया गया था जिसमें उसे प्रथम फ़िल्म के लिए पुरस्कृत किया गया था। वहीं श्रीदेवी भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री थीं, जिन्होंने तमिल, मलयालम, तेल्गु, कन्नड़ और हिन्दी सिनेमा में काम किया था। भारतीय सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार कही जाने वाली श्रीदेवी ने 5 फिल्मफेयर पुरसलार भी प्राप्त किये। 1980-90 में श्रीदेवी सबसे अधिक वेतन प्राप्त करने वाली अभिनेत्रियों में शामिल थीं, और उन्हें उस युग की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री माना जाता है।