राजनीति

सोम दा और माकपा

जिस दिन ‘माकपा’ ने निकाला, उसी दिन सोम दा की मौत हो गई थी !
10 बार लोकसभा सांसद, एकबार हार हुई, ममता दी से । एकबार  ‘लोकसभा अध्यक्ष’ के चैलेंजिंग रोल में ! किन्तु उन्होंने बताया कि ऐसे पद प्राप्त होते ही कोई किसी पार्टी के नहीं होते ! परंतु पार्टी की सोच ईमानदार नहीं थी ! उन्हें अमेरिकाजन्य कार्य के प्रसंगश: इस्तीफा नहीं देने पर पार्टी ने उन्हें निकाला । कलकत्ता हाई कोर्ट में जज और हिन्दू महासभा के टिकट से जीते लोकसभा सांसद निर्मलचन्द्र चटर्जी के पुत्र सोमनाथ चटर्जी पिता के विपरीत कम्युनिस्ट थे । कैंब्रिज में शिक्षा पाए और ईमानदारी से डिगे नहीं !

असम के तेजपुर में 25 जुलाई 1929 को जन्म लिए सोम भी अधिवक्ता रहे हैं । सभी राजनीतिक दलों से इनके मित्रवत संबंध थे । वाजपेयी जी से इनकी नोक-झोंक भारतप्रसिद्ध है। सोम’दा का निधन 13 अगस्त 2018 को तड़के हो गया।

सादर नमन और भावभीनी श्रद्धांजलि ! आजतक के अनुसार, उन्हें किडनी की बीमारी थी, काफी लंबे समय से वह कोलकाता के अस्पताल में ही भर्ती थे। सोमनाथ चटर्जी 89 साल के थे। वह 2004 से 2009 तक लोकसभा के अध्यक्ष रह चुके थे। माकपा के पूर्व नेता सोमनाथ चटर्जी 10 बार लोकसभा के सांसद रहे थे। वह पश्चिम बंगाल के बर्धमान, जादवपुर और बोलपुर से लोकसभा सांसद रह चुके थे। कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-1 सरकार में 2004 से 2009 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे। हालांकि, 1984 में जादवपुर में ममता बनर्जी से उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें 1996 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिल चुका है। यूपीए-1 शासनकाल में उनकी पार्टी सीपीएम की ओर से सरकार से समर्थन वापस लिए जाने के बाद उनसे स्पीकर पद छोड़ने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. जिस कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। चटर्जी सीपीआईएम के केंद्रीय समिति के सदस्य रहे थे, और उन्हें प्रकाश करात के धुर विरोधी के रूप में जाना जाता रहा। सोमनाथ चटर्जी का जन्म 25 जुलाई 1929 को बंगाली ब्राह्मण निर्मलचन्द्र चटर्जी और वीणापाणि देवी के घर में असम के तेजपुर में हुआ था। उनके पिता एक वकील और राष्ट्रवादी हिन्दू जागृति के समर्थक थे। उनके पिता अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के संस्थापकों में से एक थे। 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में सीपीएम ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, उस दौरान सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद सीपीएम ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.