‘लव इन डार्विन’ पुस्तक की समीक्षा
लेखक-पत्रकार श्री दिनेश दिनकर जी ने हिंदी नाट्यपटकथा ‘लव इन डार्विन’ की मर्मस्पर्शी समीक्षा ‘समय भारत’ के साथ साझा की है कि किसप्रकार बेताल लोगों के गलत रवैये, भ्रष्टाचार और उनका समाधान, इलेक्शन से होते हुए अंतरिक्षीय ‘ब्लैक हॉल’ की यात्रा कर विज्ञान के नए अन्वेषण के बारे में बताते हैं, जो बिल्कुल काबिलेगौर है, पढ़िये ! भाई श्री दिनेश दिनकर जी के प्रति हृदयग्राह्य आभार !
इस पुस्तक की समीक्षा झारखंड (प. सिंहभूम) के राष्ट्रीय स्तरीय चित्रकार श्री हरिश्चन्द्र महतो; जो पलक झपकते ही किसी के श्वेत-श्याम फ़ोटो को पेंसिल से A4 साईज़ पेपर पर उतार डालते हैं, तो किसी भी विहंगम दृश्य को कुछ ही मिनटों में कैनवास में उकेर डालते है !
वे इसके साथ ही शिक्षा स्नातक हैं, तो राष्ट्रीय स्तर के हिंदी निबंध प्रतियोगिताओं में अव्वल भी आए हैं ! वे थल, जल, वायु सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा भी कर चुके हैं ! पुस्तक ‘लव इन डार्विन’ के साथ चित्रकार श्री हरिश्चंद्र जी । बहुत-बहुत आभार। आप अपने ‘मिशन’ के चरमोत्कर्ष तक जाइये और चित्रकारिता के एवरेस्ट पर ‘राष्ट्रध्वज’ फहरा ही डालिये !
हिंदी पत्रिका ‘संवदिया’ को राष्ट्रीय पटल पर और वेब दुनिया तक पहुँचानेवाली सम्मानित सम्पादिका श्रीमती अनीता पंडित; अहिन्दीभाषी होकर भी हिंदी भाषा और साहित्य की इस कदर सेवा कर रही हैं कि एक हिंदीभाषी को भी इनसे ईर्ष्या हो जाय !
असमियाभाषी अनीता मैडम की पकड़ हिंदी के इतर बांग्ला और अँग्रेजी भाषा में भी है । उनकी अभिरुचि पर्यटन में भी है तथा वे देश के अनेकानेक पर्यटन क्षेत्रों की यात्रा कर चुकी हैं। पुस्तक ‘लव इन डार्विन’ की समीक्षित भूमिका मैडम (श्रीमती) अनीता पंडित द्वारा ही लिखी गयी है । बकौल, अनीता जी (पुस्तक की भूमिका से)- ‘…. पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूँ कि यदि इस नाट्य पटकथा की प्रस्तुति हो तो इसे अपार सफ़लता प्राप्त होगी।’