सद्गुण-जल बरसाओ
विनय सुनो हे स्वामी सबका, जीवन धन सरसाओ
हे परमेश्वर दे आशीषें, सद्गुण-जल बरसाओ-
1.सज्जन का संग देना प्रभु जी, सद्बुद्धि भी देना
सद्गुण का हो भरा खजाना, धीरज का धन देना
अपनी शरण में ले लो स्वामी इतनी दया दिखाओ
हे परमेश्वर दे आशीषें, सद्गुण-जल बरसाओ-
छोटों से हो प्यार हमारा, गुरुजनों का मान करें
जग की सारी बाधाओं पर, बल-बुद्धि से वार करें
थोड़ा-सा सम्मान प्रभुजी, जग में हमें दिलाओ
हे परमेश्वर दे आशीषें, सद्गुण-जल बरसाओ-
स्वस्थ रहें तेरी संतानें, दुःखियों का दुःख दूर करें
सरल-अमल-निष्कपट भाव से, दुनिया को भरपूर करें
तनिक न हो अभिमान प्रभुजी, ऐसा हमें बनाओ
हे परमेश्वर दे आशीषें, सद्गुण-जल बरसाओ-
विनती या प्रार्थना में बहुत शक्ति होती है. इससे तन-मन सशक्त होता है-शुभचिंतक वे नहीं होते,जो आपसे रोज मिलें और बातें करें,शुभचिंतक वे होते हैं,जो आपसे रोज न भी मिल सकें,फिर भी आपकी खुशी के लिए प्रार्थना करें.