विविध

भारतीय रेलवे को पत्र लेखन

सेवार्थ,

श्रीमान मंडल रेल प्रबंधक,
अ ब स रेल मंडल,
भारतीय रेलवे।

प्रेषक :-

क ख ग
स्वरदूत सं.-

संदर्भ :-

एक्स रेलवे स्टेशन परिसर अथवा संबंधित रेलवे की स्थानीय खाली पड़ी भूमि से रेलवे की आयवृद्धि हेतु नियमित राजस्व वसूले जाना।

प्रसंग :-

संदर्भित एक्स रेलवे स्टेशन परिसर और एतदर्थ परती भूमि पर अवस्थित दुकानों से किराया नियमित उपलब्ध कराए जाने के प्रसंगश:।

विषय :-

उपर्युक्त संदर्भित/प्रसंगाधीन एक्स रेलवे स्टेशन परिसर अथवा रेलवे की जमीन पर अवस्थित दुकानों की बकाया राशि सम्प्रति आवेदक द्वारा भुगतान करने पर आवेदक के साथ शर्त्तों को नए सिरे से अनुबंधित किया जाने के संबंध में।

महाशय,

नम्र निवेदन है, मैं- क ख ग, साकिन-… , पोस्ट-…, जिला-… का स्थायी वासी हूँ, उपर्युक्त संदर्भ, प्रसंग और विषय के सापेक्ष सादर कहना चाहता हूँ, यथा-

कंडिका-1

अ ब स रेल मंडल के अंतर्गत एक्स रेलवे स्टेशन अथवा बुकिंग काउंटर के पश्चिमी भाग में यानी स्टेशन के सबसे निकट पश्चिमी रेलवे फाटक या रेलवे गेट से शिव मंदिर के बीच रेलवे की भूमि पर जो भी कटरा या दुकान अवस्थित है, उनके पास कई वर्षों से किराया राशि बकाया है, जो कि भविष्य में भी उन दुकानदारों द्वारा रेलवे को भुगतान किए जाने संभव प्रतीत नहीं है ! जिनसे रेलवे को राजस्व में भारी क्षति पहुँचती है।

कंडिका-2

कंडिका-1 के साथ ही रेलवे की जमीन गंगा घाट में भी है, उक्त जमीन का खेसरा संख्या- 2293, 2294, 2539, 2540, 2541 इत्यादि है, जिनपर भी कई दुकान अवस्थित हैं, जो रेलवे को किराया नहीं देते हैं, जिसके कारण रेलवे को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।

—अस्तु, कंडिका-1 और 2 के प्रसंगश: यह कहना चाहता हूँ कि रेलवे की जमीन पर अवस्थित दुकानदारों के ‘बकाए किराये’ रेलवे को अगर मैं जमा कर दूँ और इसके एतदर्थ उक्त कंडिका-द्वय की जमीन व जमीन पर अवस्थित दुकान/कटरा आदि के लिए मुझसे उभयपक्षीय ‘अनुबंध’ किया जाय, तो रेलवे को नियमित किराया भी मिलते रहेंगे और आर्थिक हानि भी उठानी नहीं पड़ेगी, बशर्त्ते रेलवे को अपनी उक्त जमीन पर अवैध तरीके से लगाए गए दुकान/कटरा को उक्त भूमि से मुक्त करने होंगे, जो कि रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता में हो। फिर तो भारतीय रेलवे का हृदयश: आभारी रहूँगा।

अग्रेतर कार्यार्थ प्रेषित।

सादर भवदीय :-

हस्ताक्षर-
(क ख ग)
दिनांक-

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.