मुस्कुराते रहो
प्यार के गीत गाते रहो ।
हर हाल मुस्कुराते रहो ॥
जीत हार से होकर परे ।
जश्न ए खुशी मनाते रहो ॥
छोड़ परेशानी जमाने की ।
तराने नये गुनगुनाते रहो ॥
गिरा दीवारें जात पात की ।
गिरों को गले से लगाते रहो ॥
बढ़ता चल,चलना ही जिंदगी ।
ठहरों को बात ये बताते रहो ॥
चमकना तन ही काफी नहीं ।
मैले मन का भी मिटाते रहो ॥
कुछ दूरियां ले आती नजदीकी ।
नुस्खा-ए-पलाश आजमाते रहो ॥