कहां रहेगी हरियाली?
पेड़ काटना बुरी बात है,
मत रो बहिना, चुप हो जाओ,
हम फिर इसको हरा करेंगे,
झटपट जाओ, झारी लाओ.
यूं ही कांटे पेड़ अगर तो,
कहां रहेगी हरियाली?
सूखे और बाढ़ों के दानव,
खा जाएंगे खुशहाली.
पेड़ काटना बुरी बात है,
मत रो बहिना, चुप हो जाओ,
हम फिर इसको हरा करेंगे,
झटपट जाओ, झारी लाओ.
यूं ही कांटे पेड़ अगर तो,
कहां रहेगी हरियाली?
सूखे और बाढ़ों के दानव,
खा जाएंगे खुशहाली.