यादों के झरोखे से- 25
श्री गणेश (लघुकथा)
”बिटिया, सारे घर में ए. सी.लगे हुए हैं, उनको छोड़कर तुम यहां बाहर गर्मी में क्यों बैठी हुई हो?” इकलौती बिटिया सलोनी को ढूंढते हुए पिता ने उसे देखते ही पूछा.
”पापा, इस दीवार पर माली काका ने सूरज की जो तस्वीर बनाई है, वह मुझे कुछ सोचने का इशारा-सा करती हुई लग रही है, इसलिए जब मुझे कुछ सोचना होता है, मैं यहीं आकर बैठ जाती हूं.”
”इस समय क्या सोच रही हो?”
”पापा, आप शिक्षित व्यक्ति हैं न!”
”हां बिटिया, पर ऐसा क्यों पूछ रही हो?”
”पापा, आपने कल मुझे फ्रेडरिक डगलस की प्रेरक कहानी सुनाई थी, जिसमें फ्रेडरिक डगलस ने कहा था, कि ”शिक्षित व्यक्ति में दुनिया बदलने की ताकत होती है.”
”हां बिटिया, यह बात सत्य भी है.”
”तो आप सच्चे शिक्षित व्यक्ति नहीं हैं क्या?”
”तुम्हें ऐसा क्यों लग रहा है!” पापा का आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक ही था.
”कल आपके पास बिल्डिंग बनवाने के लिए जो व्यक्ति आया था, आप उसे बता रहे थे- ”देखिए, आपकी बिल्डिंग में भी ऐसा ही प्रबंध होगा, जैसा हमारे घर में है. बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए दो प्लांट लगेंगे. उनमें से एक नहाने-कपड़े धोने के लिए होगा, दूसरा पानी पीने और भोजन पकाने के लिए. रसोईघर का सारा पानी आपकी लॉन और सब्जी-भाजी की क्यारियों में जाएगा. इससे एक तो पानी का बिल कम आएगा, दूसरे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ देश-सेवा भी हो जाएगी.”
”हां बिटिया, यह तो मैंने कहा था.”
”पापा यह सब तो आप कमाने के लिए कह रहे थे न! कमाने के लिए तो एक अशिक्षित व्यक्ति भी बहुत कुछ करता है, आपने अपने पड़ोसियों को यह सब बताने के लिए कुछ किया?”
”सच कह रही हो बिटिया, यह बात तो मुझे कभी सूझी ही नहीं. चलो अंदर चलते हैं और पड़ोसियों को फोन करके आज ही मीटिंग बुलाते हैं और समाज में बदलाव का काम शुरु करते हैं.”
बदलाव का श्री गणेश हो चुका था.
जब बुढ़िया की चतुराई से श्री गणेश भी प्रसन्न हुए, पढ़ें लोककथा
बुढ़िया बोली- ‘यदि आप प्रसन्न हैं, तो मुझे नौ करोड़ की माया दें, निरोगी काया दें, अमर सुहाग दें, आंखों की रोशनी दें, नाती दें, पोता, दें और सब परिवार को सुख दें और अंत में मोक्ष दें।’
प्रभावी वरदान की तरह प्रभावी लेखन में भी बहुत सावधानी बरतनी होती है. सबसे पहले मुहावरों-कहावतों का स्मुचित प्रयोग करना होता है, जैसा कि इस कथा में ”बदलाव का श्री गणेश हो चुका था.” इसका अर्थ है बदलाव का प्रारंभ हो चुका था.