सरताज की ताजपोशी
किया जिसने सालों-साल
देश की सत्ता पर राज।
वो आज भी नहीं बन पा रही,
विपक्ष के सिर का ताज।
हार गई दो मुख्य चुनाव,
राज्यों की जीत को क्या गिनाव।
क्या? करें कोई आत्ममंथन,
परिवार में नहीं हो रहा चिंतन।
किसी ने कहा दल में अब
चुनाव कराना घातक होगा।
तो किसी ने यह कहा
ऐसा हुआ तो पचास साल भी
न आ पाएगी सत्ता में।
हो गया लम्बा समय
हमारे बाबा को इस्तीफा दिये।
अब तो लगेगा टेका माजी का,
अब होंगे भैया सरताज
इंतजार उन्हें हैं अपनी ताजपोशी का।