सीखने की ललक जगाओ
अपने अंदर भी सीखने की ललक जगाओ,दिमाग में समुंदरसी गहराईयॉ लिए आओ।कौन कब क्या? सीख लें हमें न समझाओ,कब कौन
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Read Moreआज बसंती से ज़ब होली खेलने आया वीरू,मौसी बोली तू दारू छोड़कर पी आया जीरू।मौसी ने कहा मैं शादी के
Read Moreसीरिया के नए ‘शासनकाल‘ में गोली,जारी हिंसा ‘मानवता‘ ने खेली होली।यह इतनी हैं भयानक ढा रहीं कयामत,आम इंसान डर रहे
Read Moreआओ फिर लहरायें तिरंगा प्यारा,अपना ये गणतंत्र दिवस है न्यारा।छहत्तरवॉ ‘गणतंत्र‘ खुशी मनाये,उन शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायें।1950 को अपना
Read Moreहाथरस में हाहाकारमचा मौत का तांडव.सत्संग हुआ लाचार,न हो पाए दुःख दूर,सैकड़ो सांसे हुई फूर,देखते रह गए पांडव.पैर छूने की
Read Moreमैं अक्सर सोचता हूँकैसी व्यक्त होती हैं पीड़ा.देखा ज़ब एक दिनस्वयं को व्यक्त होते हुए.हिम्मत नहीं थीं,कुछ भी कार्य कर
Read Moreजाल सभागृह के खचाखच भरे हॉल में देव आनंद पर आधारित कार्यक्रम “जीवन की बगिया महकेगी” प्रोफेसर अनीस शेख की
Read Moreपानी की बून्द-बून्द को तरस रही दिल्ली,मुख्यमंत्री हो गए हैं खिसियानी बिल्ली।वे कहते हैं नहा नहीं सकता एक बाल्टी से,इसलिए
Read Moreपानी पर पुल बना औरपुल पानी में चलता बना।सोच रहा हूँ तिल-तिलकितना हारेगा बिहार,पुल-पुलिया से ज़ार-ज़ार।कमीशनखोरी के जाल में,फ़स जाता
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