कविता

आज बने हम भाग्य विधाता

काम काज सब छोंडो भाई
ऋतु देखो मतदान की आई

आओ छोटकी बड़की आओ
लोक तंत्र मजबूत बनाओ
दादा काका तुम सभी चलो
घड़ी अपने सम्मान की आई

तेज धूप को टक्कर देंगे
वोट हम सभी डटकर देगें
आज बने हम भाग्य विधाता
निशा अपने परवान की आई

कंधे से कंधा चलो मिलाकर
लौटो तुम सरकार बनाकर
कायम ‘‘राज’’ करो सब अपना
बहार आज वीरान में आई

राजकुमार तिवारी ‘‘राज’’
बाराबंकी, उ0प्र0

राज कुमार तिवारी 'राज'

हिंदी से स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र से परास्नातक , कविता एवं लेख लिखने का शौख, लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र से लेकर कई पत्रिकाओं में स्थान प्राप्त कर तथा दूरदर्शन केंद्र लखनऊ से प्रकाशित पुस्तक दृष्टि सृष्टि में स्थान प्राप्त किया और अमर उजाला काव्य में भी सैकड़ों रचनाये पब्लिश की गयीं वर्तामन समय में जय विजय मासिक पत्रिका में सक्रियता के साथ साथ पंचायतीराज विभाग में कंप्यूटर आपरेटर के पदीय दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है निवास जनपद बाराबंकी उत्तर प्रदेश पिन २२५४१३ संपर्क सूत्र - 9984172782

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