गुरु महिमा
गुरु महिमा सबसे बड़ी, गुरु से बड़ा न कोय l
गुरु बिनु ज्ञान मिले नहीं, सो गुरु पूजन होय ll
जिनको सच्चा गुरु मिले, मिले ज्ञान की खान l
गुरु अरु माता एक सम, दोनों ईश समान ll
गुरु पद रज को शीश धर, जप लो गुरु का नाम l
बात अवध की मान लो, सुधरेंगे हर काम ll
जो कुछ सीखे हो सखे, सब गुरु का ही ज्ञान l
गुरु ही गुण की खान हैं, लो गुरु को सब मान ll
गुरु को पहले याद कर, पूजो उनके पाँव l
गुरु की महिमा जो मिले, मिले परम शुचि ठाँव ll
— डॉ अवधेश कुमार अवध