कुण्डली/छंद

कुंडलिया

राधाकृष्णन ने किया, जग में ऊँचा नाम।
पेशे से  शिक्षक स्वयं, किए  अनूठे काम।।
किए  अनूठे  काम, ज्ञान की अलख जगाई।
शिक्षाविद् के साथ, भूमिका कुशल निभाई।।
करता है ‘शिव’ याद, और प्रणमान्जलि अर्पण।
भारत के अभिमान, राष्ट्रपति राधाकृष्णन।।
— शिवेन्द्र  मिश्र ‘शिव’

शिवेन्द्र मिश्र 'शिव'

विधा- कुंडलिया, दोहा, मुक्तक विशिष्ट पहचान- दिव्यांग पता-मैगलगंज, जिला-लखीमपुर-खीरी (उ प्र)-(पिन-261505) मोबा 9919881145-वॉट्सऐप [email protected]