खूब पढ़ाते टीचर जी
अच्छी बात हमें सिखाते, टीचर जी।
मेहनत से खूब पढ़ाते, टीचर जी।।
मोती से दांत चमकते, आंखे तेज।
पान-मसाला नहीं चबाते, टीचर जी।।
होमवर्क न करके लाते बच्चे जो।
तब डांटते, चपत लगाते, टीचर जी।।
कोई बात समझ न आती, हम कहते।
एक नहीं दस बार बताते, टीचर जी।।
पढ़ाते-लिखते मन जब लगे ऊबने।
कविता, गीत, कथा सुनाते टीचर जी।।
शेर-बकरी, लंगडी-दौड़, नेता-खोज।
बहुत सुंदर खेल खिलाते टीचर जी— प्रमोद दीक्षित मलय