शैक्षिक भ्रमण : सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के आनंदमय पल
शैक्षिक भ्रमण ज्ञान सर्जना का पुरातन फलक है तो नित नवल विधा, सीखने की अधुनातन ललक भी। हास, परिहास, उमंग,
Read Moreशैक्षिक भ्रमण ज्ञान सर्जना का पुरातन फलक है तो नित नवल विधा, सीखने की अधुनातन ललक भी। हास, परिहास, उमंग,
Read Moreपरिवार एवं समाज के विकास के लिए यह अत्यावश्यक है कि स्त्री और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से
Read More1985 में यूनिसेफ के सहयोग से प्रकाशित कृष्ण कुमार की पुस्तक ‘बच्चे की भाषा और अध्यापक एक निर्देशिका’ आज भी
Read Moreशिक्षक अपने शिक्षकीय जीवन में दो स्थितियों से साथ-साथ गुजरता है – सीखना और सिखाना। पर यह उस शिक्षक के
Read Moreफ्रांसीसी भौतिक विज्ञानी ज़ीन बर्नाड लियोन फौकॉल्ट ने 8 जनवरी, 1851 को अपने उपकरण एक खास प्रकार के पेंडुलम के
Read Moreअतर्रा (बांदा)। गिजुभाई बधेका के शैक्षिक दर्शन के साथ विद्यालयों को आनंदघर बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील शैक्षिक संवाद मंच
Read Moreप्रकृति में करोड़ों जीव–जंतु, पेड़–पौधे मौजूद हैं, जिन्हें प्रकृति पूरी शिद्दत से पुष्पित–पल्लवित करती रहती है। एक साथ सभी जीव–जंतुओं
Read More1 मई, 1908 का प्रात:काल। उस दिन सूरज कुछ जल्दी ही उगा आया था। पक्षियों ने अपने घोंसले छोड़ दाना-पानी
Read Moreअतर्रा (बांदा) जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्रधानाध्यापक प्रमोद दीक्षित मलय को 5 सितम्बर को दतिया में संस्था हिंदी महोत्सव
Read Moreदिनांक 1 मई, 1908। पटना के निकट मोकामा घाट रेलवे स्टेशन। मुजफ्फरपुर से आने वाली ट्रेन प्लेटफार्म पर रुकने ही
Read More