नव युग संदेश 🌻
कब तक औरों पर निर्भर रह जाए
आत्मनिर्भर आइए अब हो जाएं
ना कच्चा माल बाहर भेजेंगे
तैयार समान अब बेचें जाएं
पेड़ और वनों को अब ना काटें
मिलके वृक्ष धरा पर नए लगाए
मैकाली शिक्षा क्यों ढोते जाएं
अब अपनी नव शिक्षा नीति बनाएं
मुमकिन नहीं सबकुछ सरकार करें
कर्तव्य अपने सभी जरुर निभाएं
— सुनीता द्विवेदी