भाषणों से विष हवाओं में मिलाया जाएगा
भाषणों से विष हवाओं में मिलाया जाएगा
धार्मिक उन्माद को फिर से जगाया जाएगा
नफ़रतों की आग में गुलशन जलाया जाएगा
फिर सियासत का तवा उस पर चढ़ाया जाएगा
है यही हथियार सबसे कारगर तुम देखना
जीतने को रण रियाया को लड़ाया जाएगा
कद बहुत घटने लगा है फ़िक्र है बेहद उन्हें
चाहियें लाशें, बिछाकर कद बढ़ाया जाएगा
हाँ यही होता रहा है और होगा भी यही
जो करेगा प्रश्न वो द्रोही बताया जाएगा
तीरगी करने लगी है मंत्रणा तूफ़ान से
दीप तेरे हौसले को आजमाया जाएगा
झूठ ने बनवा लिये अनगिन मुखौटे सत्य के
सत्य को फिर इन मुखौटों से हराया जाएगा
सतीश बंसल
१०.०९.२०२०