नीरज नीर
देश के चर्चित कवि और कथाकार श्री नीरज नीर सर केंद्रीय सरकार में वरेण्य अधिकारी हैं । वे राँची विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र स्नातक हैं । कई साझा काव्य-संग्रह और कथा-संग्रह में उनकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं, तथापि ‘जंगल में पागल हाथी और ढोल’ शीर्षक पुस्तक से तो नीर जी काफी चर्चा में आये।
अब भी नीरज सर हंस, कथादेश, पाखी, दैनिक जागरण इत्यादि पत्र-पत्रिकाओं में नियमित छपते हैं। उनकी रोचक कहानी ‘दर्द न जाने कोई’ को पाखी, सितम्बर 2019 के माध्यम से रूबरू होइए। पुस्तकद्वय ‘पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद (शोध)’ और ‘लव इन डार्विन (नाट्य पटकथा)’ को श्री नीरज नीर जी के हाथों देखकर बेहद भाव-विह्वल हो गया हूँ।
उन्होंने सिर्फ़ कुछ घंटे में पुस्तकद्वय की समीक्षा कर गए ! दोनों पुस्तक दिल्ली पुस्तक मेला 2019, प्रगति मैदान भी पहुँच गयी । आदरणीय श्री नीरज नीर जी के साहित्यिक और कॅरियर संबंधी स्वर्णिम भविष्य की कामना करते हुए सादर आभार एवं हृदयश: धन्यवाद !