भारतरत्न संत
संत बिनोवा भावे के जन्मदिवस ! मेरे पितामह के साथ ! भारतरत्न और भारत के पहले मैग्सेसे अवार्ड विजेता आचार्य बिनोवा भावे के जन्मदिवस (11 सितम्बर) पर उन्हें सादर नमन और विनम्र श्रद्धांजलि ! महान स्वतंत्रता सेनानी, भूदान आंदोलन के प्रणेता तथा ‘गीता प्रवचन’ नामक अद्भुत पुस्तक के रचयिता संत जी ने ‘आपातकाल’ को ‘अनुशासन पर्व’ कहकर आलोचना भी झेले थे, तथापि महात्मा गाँधी के बाद वे दूसरे महात्मा थे।
मेरे पितामह स्व. योगेश्वर प्रसाद सत्संगी जी का आज़ादी के कई वर्षों बाद जुड़ाव संत बिनोवा भावे से भी रहा । नवाबगंज में इनके द्वारा संत भावे को 108 स्वनिर्मित नक्काशीदार सुराही सप्रेम भेंट किए जाने पर इनकी सेवा को उनके द्वारा अनोखा कहा गया। संत भावे की जन्म-जयंती पर पुनश्च सादर नमन !