भाषा-साहित्य

महादेवी और मुक्तिबोध

महान साहित्यकार मुक्तिबोध और महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि पर सादर नमन ! दोनों की कविताओं में दर्द, तो दोनों के गद्य-संसार में भी तड़प देखने को मिलेंगे !
गजानन माधव मुक्तिबोध जी की रचनाओं में कविता-भाग ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ (अंधेरे में) और ‘कामायनी : एक पुनर्विचार’ प्रसिद्ध है, तो महादेवी जी की कविता-पुस्तकों में ‘यामा’ और विभिन्न कहानियाँ अतिशय प्रसिद्ध है, यथा:- बदलू, रामा आदि।
दोनों की पुण्यतिथि अलग-अलग वर्ष लिए आज की तिथि ही है । दोनों महान व्यक्तित्वों को सादर नमन और विनम्र श्रद्धांजलि !
कुछ क्षणिकाओं के साथ, यथा-
‘लोग रिश्ते की बात
कनफुसयारी तरह सुनेंगे,
अगर उन्हें हम सामने कह दिए,
तब वह इसतरह हकबकाएंगे
कि मानो उनके बगल में
पटाखा फट गया हो !’
आगे देखिए-
‘माँ ने बनाई ‘पेड़े’…..
आकार छोटे हैं,
पर विशुद्धता लिए है….
माँ ने दिलचस्प बातें शेयर की-
ये पेड़े ‘पेड़’ से नहीं तोड़े गए हैं…’
पुन:–
‘लोगों की बातें
दिल पे नहीं लेनी चाहिए,
क्योंकि ‘दही’ को
‘खट्टा’ जानकर भी
लोग पूछते हैं-
मीठा है न….
और ‘चीनी’ डालकर खाते हैं !’
पुनश्च–
‘टेढ़ा है, पर घेड़ा है….
घेड़ा, जिसे घिउरा
उर्फ़ नैनवा सब्जी भी कहते
इसे मित्र श्री मिथिलेश राय से
उधरिया नहीं,
पैंचा लिया है ।’

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.