शिकागो विश्व धर्म महासभा
शिकागो विश्व धर्म महासभा ! भारत तब भी विश्वगुरु था, अब भी है । तारीख 11 सितम्बर 1893 और 2019 में आज की तारीख अमेरिका के शिकागो शहर में पहलीबार संसारभर के प्रायश: धर्मों के विश्व सम्मेलन आयोजित हुए थे, जिनमें ईसाई, इस्लाम, यहूदी इत्यादि के धर्म-प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने धर्म के पक्ष में जोरदार तरीके से तुरही बजाए जा रहे थे।
इसी बीच अपने परिधान के लिए स्वयं कौतूहल का विषय बने भारत के युवा संन्यासी और दार्शनिक विद्वान स्वामी विवेकानंद ने सनातन (हिन्दू) धर्म पर जो विचार प्रकट किए, वह सभी धर्म-प्रतिनिधियों के मुँह से निःसृत बोली को आगे बजने के लिए बंद कर दिए, यह प्रवचन कई दिनों तक चला । उनसे पहले उन्होंने ‘अमेरिकानिवासी बहनों और भाइयों !’ संबोधित कर अमेरिका वासियों के दिलों को जीत लिया।
आज अपना नरेंद्र की याद आ ही गया । भारत में सिर्फ इक्के-दुक्के ही पहचाने, परंतु आज के दिन 1893 में वे अमेरिका के शिकागो में वो धुआंधार प्रवचन दिए कि दुनिया के बड़े अखबारों ने Headline बनाया– ‘He is learned, beyond learning.’
तब से नरेंद्र विस्तृत फलक में जाकर पहले विवेकानंद, फिर स्वामी हो गए. अगर दुनिया के आतंके आज़म ओसामा बिन लादेन किसी मार्फ़त से ये प्रवचन पढ़ लिए होते या सुन लिए होते ! … तो 2001 में आज के दिन यानी 11 सितम्बर को लादेन के चाटूकार अमेरिका में ट्विन्स टावर को ध्वस्त नहीं कर पाते । स्वामी विवेकानंद के उस ऐतिहासिक प्रवचन के आलोक में ब्लास्ट टावर के असामयिक मृत्यु प्राप्त प्यारे वासियों को मेरी ओर से संवेदना अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि-
‘ये कैसे लोग हैं, जो दूसरे के चिरागों को बुझा कर होते हैं खुश,
वे भी तो हैं किसी के चिराग, कि स्वयं को बुझा ले हमेशा-हमेशा।’
इस प्रसंग के 125 साल पूर्ण होने पर 2018 में विश्व हिंदू कांग्रेस के अधिवेशन हुए, जिनमें भारत से माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी, रा.स्व.से. संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी भी पधारकर हिन्दू धर्म पर अपने संभाषण दिए।
किन्तु इसी तिथि को 2001 में अमेरिका में ही ट्विन्स टावर को इस्लाम के नाम पर आतंकवादियों ने ध्वंस कर दिया था, जिनसे कई सैकड़ों लोग हताहत हुए थे ! हताहत हुए लोगों को श्रद्धांजलि और उनके परिजनों और प्रियजनों को ऐन वक्त पर धैर्यवान रहने के लिए ऐसे साहसी के प्रति सादर नमन !
9/11 के मृतकों के प्रति सादर श्रद्धांजलि और उनके परिवार तथा घायलों के प्रति संवेदनाएँ ! ध्यातव्य है, ‘नरेन्द्रनाथ दत्त’ ने अमेरिका के शिकागो (1893) में धुआंधार प्रवचन दिए थे, तब दुनिया के बड़े अखबारों ने Headline बनाया– He is learned, beyond learning. तब से नरेंद्र विस्तृत फलक में जाकर पहले विवेकानंद, फिर स्वामी हो गए । अगर दुनिया के आतंक -ए- आज़म ओसामा बिन लादेन किसी मार्फ़त से ये प्रवचन पढ़ लिए होते या सुन लिए होते ! … तो 2001 में आज के दिन यानी 11 सितम्बर को लादेन के चाटूकार अमेरिका में ट्विन्स टावर (WTC), फिर पेंटागन को ध्वस्त नहीं कर पाते । स्वामी विवेकानंद के उस ऐतिहासिक प्रवचन के आलोक में ब्लास्ट टावर के असामयिक मृत्यु को प्राप्त 3,000 से अधिक (जिनमें अपहर्ता भी शामिल थे) लोगों को मेरी ओर से संवेदना अर्पित और सादर श्रद्धांजलि !