क्षणिका ख्याल है तो ख्वाब है मनोज शाह 'मानस' 12/09/2020 नैनो को नैनों से बतियाने दो…, ख्वाबों को नींद में सो जाने दो…! नींद है तो सपने हैं…, ख्याल है तो ख्वाब है…, अर्धरात्रि की नीलिमा में…, मीठे सपने में खो जाने दो…!! — मनोज शाह ‘मानस’