भारत भीतर ही है बहुत सारे ऐसे, पर्वतराज, हिमालय, पहाड़, श्रृंखला । नैतिकता ही है भारतीयों का, अनेकता में एकता विशेषता । हमेशा सफल रहते हैं भारतीय, जीवन की हरियाली और रास्ता । कभी खत्म ना होने वाली, खुशहाली और मंगल यात्रा । सिर कभी झुका नहीं सकते, बेशक हम कटा सकते हैं । वीरगति […]
Author: मनोज शाह 'मानस'
होली में मिलते हैं
होली के दिन इस सब लोग , यहां रंगों से रंगीन मिलते हैं । वरना दूसरे दिन जिंदगी की , वजह से सब गमगीन मिलते हैं ।। बे परवाही दिखती है हर शख्स , हर चेहरा की रंगों में डूबे खुशी से । किसी दूसरे दिन हर इंसान कुछ , अलग ख़्यालात जहीन मिलते हैं […]
जहां विजय पताका ही राह है
मुश्किल भरी जिंदगी में अशुद्धियां । संघर्षरत का दुनिया में विसंगतियां ।। सरताज है अभिजय का जुनून । जो महा समर का है अर्जुन…. ।। चल मुसाफिर व्यस्त हो कर जागा है । चंद्रहास का अब……. वक्त आया है ।। कोयला से हीरा बनाने की तमन्ना । दीवानगी के प्रतिच्छाया सपना… ।। तू तोड़ दे […]
मैं शिव सूत्र शिवानी हूं
मैं शिव सूत्र शिवानी हूँ । अर्ध रात्रि की ख़ामोश नीलिमा की तरह .., मुझे भी अपनी आगोश में लेकर.., मदहोश नीलिमा बना दो ।। मैं समर्पण सूत्र शिवानी हूँ । नील कमल की पंखुड़ियों की तरह.., मुझे भी अंग अंग को रंगकर.., सराबोर नीलिमा बना दो ।। मैं सम्पूर्ण सूत्र शिवानी हूँ । झील […]
दिलरुबा…
ये कौन आ गई दिलरूबा महकी महकी । फिज़ा महकी महकी हवा महकी महकी ।। वो आंखों में काजल वो बालो में गजरा, हथेली पे उसके जो हिना महकी महकी । खुदा जाने किस किस की ये जान लेगी, वो क़ातिल अदा वो कज़ा महकी महकी । लाज की हल्की लालिमा चेहरे पे छुपाए हुए, […]
नव वर्ष आया
नव वर्ष आया नवग्रह नवरात्रि पार करके । फूल खिला नव प्रभात शुभ रात्रि पार करके ।। नव वर्ष आया नौ पर्वत श्रृंखला पार करके । फूल खिला कांटों के श्रृंखला पार करके।। स्वयं सुंदरी आई सोलह श्रृंगार करके । स्वयं सेवक आया सेवा भाव हजार करके ।। सुंदर सुंदरी की अटूट मोहब्बत प्यार करके […]
एक फूल ढूंढ रहा हूं
आंखों के भीतर आंसुओं के मूल ढूंढ रहा हूं…! अनजान में किया हुआ वो भूल ढूंढ रहा हूं…!! खिलने के बाद सभी सुंदर लगते हैं चमन में, खिलकर खुशबू बिखेर दें वो एक फूल ढूंढ रहा हूं…! तुम वो फूल बनकर खिल रहे हो जैसे मैं आंधी बनकर आ रहा हूं जैसे और मैं…, फूल […]
हरियाली और रास्ता
हरियाली भी यही रास्ते भी यहां खेत भी यही खलियान भी यहां हम दोनों के मिलने की घर भी यही स्थान भी यहां आओ प्यार करें लगता है दिल भी यही बसता है जान भी यहां मोहब्बत का सुरूर भी यही इश्क़ की जुनून भी यहां दिल की पुकार भी यही प्रकृति से प्यार भी […]
ग़ज़ल – तेरी सूरत तेरी यादें
मानस तेरी सूरत तेरी यादें लिखता है । तुम कहती हो.., वो गजलें लिखता है ।। वादा करके न आना कितनी होगी बेरहम, दिल बेसबरा आने की तारीखें लिखता है । तुमको यकीं हो न हो तुम बहुत खूबसूरत हो, खुदा भी खत में तुम्हारी ही तारीफें लिखता है । निगाहें झुकी झुकी जुबां ख़ामोश […]
एक दीप तेरे नाम का…
एक दीप तेरे नाम का जला रहा हूं । इस तरह मैं दिवाली मना रहा हूं ।। फुर्सत मिले तो इधर भी आना ! दो चार के पास ही नहीं हमारे पास भी आना !! उम्मीदों का एक दीप लिए, आशाओं का दीप जला रहा हूं । कभी मेरे गरीब खाने में भी आओ स्वागत […]