लघुकथा : क्लास
अपने चेहरे को मेकअप की परतों में छुपाते हुए, माधुरी ने खुद को आईने में देखा। सुंदर लग रही थी वह। किसी के आने की आहट सुन कर झट से उसने आँखों पर बेशकीमती गॉगल्स चढ़ा लिए। उसका पति मोहित था।
“हम्म्म… ठीक लग रही हो” उसे ऊपर से नीचे तक घूरते हुए मोहित बोला। “और हाँ ! ध्यान रखना, इस पार्टी में अपनी मिडिल क्लास वाली कोई हरकत न कर देना। हाई क्लास पार्टीज़ में एक दूसरे के गले लगना आम बात है।” उसे चेतावनी सी देते हुए मोहित बोला।
पार्टी अपने शबाब पर थी। जाम का दौर चल रहा था । “चटाक” की आवाज़ ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया। साड़ी का आंचल संभालती हुई माधुरी का मेकअप से रफू किया हुआ चेहरा, आंसुओं से धुल चुका था और गॉगल्स उतारने के बाद, आंखों के इर्दगिर्द चोट के निशान हाई क्लास वालों की मानसिकता दर्शा रहे थे।
अंजु गुप्ता