सर्व समभाव
क्या ‘आर्य’ भारत के मूल निवासी थे ?
दैनिक जागरण (राष्ट्रीय संस्करण, 7 सितम्बर 2019) और इंडिया टुडे (हिंदी, 19 सितम्बर 2018) में प्रकाशित रिपोर्ट…. कितने वास्तविक ? कितने फँसाना ? क्या आर्य और द्रविड़ एक ही थे, क्योंकि विश्लेषक का कहना है कि भारत में विदेशियों के आने से जीन में मिलावट होती रही ?
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पवित्र ‘कुरान’ का ईमानदारी से पाठ….. सूरह-42. अश-शूरा:– शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महरबान, निहायत रहम वाला है । …..और बेशक ज़ालिमों के लिए दर्दनाक अज़ाब है ।तुम जालिमों को देखोगे की वे डर रहे होंगे उससे जो उन्होंने कमाया और वह उनपर ज़रूर पड़नेवाला है । जो लोग ईमान लाए और जिन्होंने अच्छे काम किये, वे ज़न्नत के बागों में होंगे । उनके लिए उनके रब के पास वह सब होगा, जो वे चाहेंगे, यही बड़ा इनाम है……. (21-23).
‘पवित्र कुरान’ का हिंदी रूपांतर काफी हद तक पढ़ लिया है, जो कि मुझे विगत के वर्षों के पटना पुस्तक मेला से प्राप्त हुई है, विद्वान अनुवादक मौलाना वहीदुद्दीन खां के मेहनत का फल को सम्प्रति प्रकाशक ने नियति तक पहुंचाया । इस महान विद्वान के साथ मैं छपा भी हूँ । मेरा पढ़ा Holy Quran के Hindi translation के प्रकाशक का वेबसाइट पता है–
www.goodwordbooks.com और www.goodword.net इस पाक पुस्तक का संस्करण वर्ष 2010 है।
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आरटीआई से पत्राचार, फिर अतिप्रसारित आवेदनों पर सम्मानित भी करते हैं ! मैं भी बहुत वर्ष पहले अरविंद जी के साथ ‘परिवर्त्तन’ में था । तब यह पत्र मेरे ही मार्फ़त डाक से आपको मिले होंगे, क्योंकि उनमें मैं बिहार-सूचक था !
दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने मेरी उपलब्धियों पर यानी आरटीआई की आवाज बनने व इसे व्यापक जनहित में इस्तेमाल करने को लेकर मुझे तब ‘प्रशस्ति-पत्र’ प्रदान किए, जब वे उक्त फॉउंडेशन में थे।
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