मुकतक
जहाँ में जी सुनो मेरा ही बस नुकसान होना हैं,
यहाँ मेरी बुराई की अगर पहचान होना हैं,
हाँ जिनकी चाह है बनने की रब बेशक़ बने वो लोग लोग,
हमे तो बस अजी सच्चा सा एक इंसान होना हैं.
आभिषेक जैन
जहाँ में जी सुनो मेरा ही बस नुकसान होना हैं,
यहाँ मेरी बुराई की अगर पहचान होना हैं,
हाँ जिनकी चाह है बनने की रब बेशक़ बने वो लोग लोग,
हमे तो बस अजी सच्चा सा एक इंसान होना हैं.
आभिषेक जैन