मुक्तक/दोहा

मुकतक

जहाँ में जी सुनो मेरा ही बस नुकसान होना हैं,
यहाँ मेरी बुराई की अगर पहचान होना हैं,
हाँ जिनकी चाह है बनने की रब बेशक़ बने वो लोग लोग,
हमे तो बस अजी सच्चा सा एक इंसान होना हैं.
आभिषेक जैन 

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश