हम हैं आज के जागरुक बच्चे,
हिंदी से है हमको प्यार,
भाषाएं कितनी भी सीखें,
निज भाषा अपना उपहार.
आओ हिंदी को अपनाएं,
हिंदी है भारत की शान,
राष्ट्र की, राज-काज की भाषा,
मातृभाषा मधुर-महान.
लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं।
लीला तिवानी
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