भाषा-साहित्य

बच्चों को प्रोत्साहन

मैं एक शिक्षिका हूँ काफी दिनों से बच्चों को कविता बनाकर बच्चों को पढ़ाने का शौक था पर वर्तमान में लॉक डाऊन के चलते मैं घर पर बहुत सी कविता लिख रही थी लेकिन मेरी कविताएँ बस मेरी डायरी तक सिमित रही फिर मुझे कवि अभिवक्ति ग्रुप से एक शक्स ने जय विजय मासिक पत्रिका के बारें में बताया और संपादक जी डॉ विजय सिंघल जी के नम्बर दिए जब मेरी बात उनसे हुई तो बहुत ही अच्छा लगा ये मासिक पत्रिका अभी इ पत्रिका के माध्यम से लेखन क्षेत्र में कार्य करने वाले हर व्यक्ति को ध्यान में रखते हुये उनकी प्रतिभा को जन जन तक पहुँचाने का प्रयास कर रही है। मेरी कविता को जब जय विजय की बेब्साइट पर मैने लगाया तो मेरी रचना को स्थान मिला मुझे बहुत खुशी हुई की मेरीअपनी लेखन की कला जन जन तक पहुंच रही है। और सबसे बड़ी बात तो ये है कि ये पूर्णत निशुल्क है।
इसी के साथ मेरे विध्यार्थी जो कविता लिखना सीख रहें और उनकी लेखन को भी जय विजय में नन्ही कलम मे स्थान मिल रहा है और उनकी प्रतिभा इसके माध्यम से सभी दूर पहुंच रही है इससे एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा ने जन्म लिया प्रारंभ में कुछ ही बच्चे अपनी मौलिक रचना मुझे लिख कर भेज रहे थे किन्तु आदरणीय संपादक महोदय जी के इस महान कार्य से और बच्चों में अपनी कला को प्रदर्शित करने का मौका मिल रहा अभी बहुत से बच्चे लेख लिख रहे हैं । आदरणीय संपादक महोदय जी श्री सिंघल जी का बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होने सरकारी शाला के बच्चों के लेखन को प्राथमिकता दी साथ ही बहुत से बच्चों में इस श्रेष्ठ कार्य के लिए रुचि जगाई।
— वीणा चौबे प्राथमिक शिक्षक ps barnga जिला हरदा मध्यप्रदेश

वीणा चौबे

हरदा जिला हरदा म.प्र.