गीतिका
हम तेरे इश्क में खुद को,भुलाए बैठे हैं ।इसलिए सारी दुनिया के, सताए बैठे हैं। अब तो रंजो गमों की
Read Moreहाँ सपनों में जीती हूँ मैं क्यूंकि हौसलों की उड़ान सपनों से शुरु होती है वहीं पर अपनी मर्जी से
Read Moreतू चुन उसी को जो , तुझे तेरे उस मंजर के खिताब पर, पहुचां दे । तू चुन उसी को
Read Moreराज के रोजाना दफ्तर जाते वक्त उसकी माँ जानकी बस उससे तीन प्रश्न पूछती थी। कभी कभी राज अपनी माँ
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