बहन
बहन छोटी हो या बड़ी
बहन आधार होती है
भाई बहनों और पापा मम्मी के मध्य सूत्रधार होती है।
भाई बहन का संबल
और दोस्त होती है,
राजदार होती है।
बहन ही है जो भाई बहन की
खुशियों को आधार देती है,
हर दर्द में बहन ही तो
मरहम बनती है।
एक बहन के बिना
जीवन में खालीपन सा होता है,
इंसान लड़ने झगड़ने और
खेलने कूदने का
रूठने मनाने का
यादगार पलों को खोता है।
एक बहन के बिना
कुछ सूना सूना सा लगता है,
बहन न हो तो
सबकुछ होकर भी
कुछ अच्छा नहीं लगता है।
बहन संबल आत्मबल है,
सुख दुःख में तो बहन का ही
बडा़ संबल होता है।
बहन पास हो तो
दूर होने का मन करता है,
और दूर हो जाये
पास होने का बहुत मन करता है।
★सुधीर श्रीवास्तव