मित्रता के सापेक्ष
मनिहारी, कटिहार (बिहार) के एक उच्च विद्यालय में हिंदी अध्यापक श्रीमान रविशंकर सिंह जी ने समीक्षक के तौर पर पुस्तक [पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद (शोध)” को आद्योपांत पढ़ लिया है। रवि सर ने कहा है कि वे इस समीक्षा को ‘फ्रेश’ करने के बाद ही भेजेंगे! वरीय मित्र रविशंकर जी के हिंदी अध्यापकीय अवदान को कतई बिसारा नहीं जा सकता है, उनके भविष्यार्थ स्वर्णिम कामना करते हुए उन्हें हृदयगत धन्यवाद देता हूं, साथ ही पुस्तक की समीक्षा हेतु सादर आभार व्यक्त करता हूँ!
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आकाशवाणी, पूर्णिया में विविध कार्यक्रमों के प्रस्तोता व मेरे अज़ीज़न मित्र श्री अनंत वर्मा जी आज जीवन के 44 वर्ष पूर्ण कर 45 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं….. मित्र के शतायुजीवी होने की परमशक्ति से कामना है, साथ ही अनंत के उज्ज्वल, स्वर्णिम, हीरामयी, झिलमिल मोती-सितारे से भविष्यार्थ अनंत कामनाएं एवं हृदनाएं । पुनश्च शुभकामना… अनंत प्यारे !