सच के करीब 6 कविताएँ
1.
अच्छी बात
सत्ता के 6 वर्ष !
अन्य देशों को
मदद की गई,
यह तो अच्छी बात है !
किन्तु मदद
अपनी औकात देखकर ही होनी चाहिए !
चादर देखकर ही होनी चाहिए !
न कि अपने देश के नागरिक
भूखा सोये
और इलाज के लिए तड़पे !
देश की स्थिति अब भी नाजुक है, सर !
लेकिन 17.7 का संबोधन अद्भुत था !
2.
सुश्री कवयित्री
कवि की पुत्री कवयित्री !
भतीजी अक्षरा को
अनगिनत शुभमंगलकामनाएँ,
पर सपनों में
विज्ञान अन्वेषण करना,
चिकित्सा अन्वेषण आदि की बातें भी आए,
यही पाथेय है, सुश्री अक्षरा !
पिताजी के रचनाकर्म नहीं अपनाना, बेटी !
3.
डोंट टच
अभी
नो स्किन टच,
बट
ओनली स्क्रीन टच !
रहिये दूरी,
जो है–
बेहद जरूरी !
नो किस,
ओनली मास्क !
4.
नो हॉर्न
अभी
नो शोर,
नो हॉर्न !
प्लीज, दम्पति जी !
अपनी संपत्ति का इस्तेमाल
फिर कभी करना,
अभी जीना है,
घाट-घाट पीना है !
जवानी और जान बची,
तो फिर इना, डिका, मीना है,
वरना बोरिया-बिस्तर सीना है !
5.
सानंदता
कोरोना काल में
घर हो या बाहर
‘समारोह’ मनाना उचित नहीं !
किन्तु भतीजे अंशु को
स्वस्थजीवन और भविष्य में
स्वर्णिम करियर के लिए
हृदय से शुभमंगलकामनाएँ !
सपरिवार आप स्वस्थ, सुरक्षित
और सानंद रहिये,
किन्तु ध्यान रखिये !
6.
अभी क्या सभी
इना, मीना, डिका….
अभी सबकोई फ़ीका !
अभी जान बचाओ अपना,
अगर परिवार से प्रेम है,
तो दूरी अपनाओ, भैया !
नहीं तो कोई भी
नहीं पार लगाएगी नैया !
इना, मीना, डिका….
अभी सबकोई फ़ीका !