जब हाथ में रहे न बात
जब हाथ में रहे न बात
तो वक़्त के हाथ छोड़ दे
निशब्द हो बैठ जा
कर इंतजार वक़्त का
धुरी का पहिया
घूमेगा जरूर
नीचे से उपर
आएगा जरूर
आते ही ऊपर तू हो जा सवार
वक़्त की बात तू मान ले
जो भी लड़ा वक़्त से
हार ही उसको मिली
जो भी चला साथ उसके
साथ वह उसके हो लिया
वक़्त की तू बात मान ले
वक़्त है सबसे बड़ा सिकन्दर
सबसे बड़ा खिलाड़ी है
कब पासा तेरा पड़ेगा सीधा
कब पलट जाएगा
ये वक़्त पे तू छोड़ दे