6 क्रिकेटीय क्षणिकाएँ
1.
क्रिकेटीय सुखाय
वर्ल्डकप क्रिकेट से
समय और धन
दोनों की बर्बादी हुई,
2019 सेमीफाइनल में
‘टीम इंडिया’ की हार से
‘स्वान्त: सुखाय’ भी गई !
2.
4 साला मेहनत
सब कुछ खत्म हो गया !
चार साल की मेहनत
और डेढ़ माह का इसतरह से अंत !
क्या वीरों के ऐसे ही होंगे, वसंत !
बोलो, मेरे मृदुल कंठ !
3.
कुछ नहीं मिली
उनकी वो मिठाई नहीं खाई !
उनकी वाली ने वो की
यानी ‘स्प्राइट’ नहीं पी !
पर जाएंगे,
एक ही गाड़ी में दोनों…
कि न टा-टा,
न बाय-बाय !
4.
क्यों जरूरी ?
सिरमौर धौनी और सर जडेजा
के पैरों और बल्ले में
‘एक्सीलरेटर’
होने जरूरी !
क्यों अन्य रहेंगे दूरी ?
सिर्फ इन दोनों की
क्यों मजबूरी ?
5.
ग्यारह जुलाई
विश्व जनसंख्या दिवस
11 जुलाई पर
यही संदेश-
हम 2, हमारे 1
अन्यथा, अच्छा है सिफर,
मजे में कटेगी सफर !
वाकई में
यह सच्ची बात !
6.
मुंहसीन सपने
हम क्या स्थापित करेंगे
कि मनमोहिनी अकस्मात आ जाय
और प्रतिबद्धता लिए
उनके अंदर दिवास्वप्न जगा जाय !
वैसे मुंगेरीलाल के हसीन सपने में
हसीनाएं नहीं आती !
जो है, कहीं प्रतिघाती !
सृष्टि अंत तक !