सादर प्रणाम
सुदर्शन जी अपना ब्लॉग पर क्या आए, अपना ब्लॉग का नक्शा ही बदल गया.
कहां तो कभी-कभार कोई सुप्रभात लिख देता था, अब सुदर्शन जी ने आदरणीय दीदी के संबोधन के साथ सादर प्रणाम लिखना शुरु कर दिया. ऐसा लगा मानो अपना ब्लॉग पर भारतीय संस्कृति साक्षात नमूदार हो गई हो.
सुदर्शन भाई यहीं नहीं रुके. जब उन्हें गुरमैल भाई की उम्र का पता चला, तो उन्होंने उनको ”आदरणीय दादा जी, सादर चरण स्पर्श.’ कहना शुरु किया.
सादर प्रणाम और सादर चरण स्पर्श से एक पौराणिक कथा का याद हो आना स्वाभाविक है.
”महाभारत का युद्ध चल रहा था –
एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर “भीष्म पितामह” घोषणा कर देते हैं कि – “मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा”. उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई. भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था, इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए. तब श्री कृष्ण ने द्रौपदी से कहा अभी मेरे साथ चलो.
श्री कृष्ण द्रौपदी को लेकर सीधे भीष्म पितामह के शिविर में पहुँच गए. शिविर के बाहर खड़े होकर उन्होंने द्रोपदी से कहा कि– अन्दर जाकर पितामह को प्रणाम करो. द्रौपदी ने अन्दर जाकर पितामह भीष्म को प्रणाम किया तो उन्होंने– “अखंड सौभाग्यवती भव” का आशीर्वाद दे दिया.
शिविर से वापस लौटते समय श्री कृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि – “तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है”
प्रणाम का परिणाम यहां भी ऐसा ही निकला.
”मानवीय संवेदनाओं के कुशल चित्रकार, आदरणीय सुदर्शन जी, सादर प्रणाम ———-सादर चरण स्पर्श!” इंद्रेश जी का संबोधन होता है. रविंदर सूदन भी दादा वन गए हैं.
सादर प्रणाम मर्यादा का एक सेतु बना देता है और सादर चरण स्पर्श भारतीय सभ्यता और संस्कृति का बंध बना देता है, जिसके पार होता है केवल प्यार और मधुर भावनाओं का परम आनंद.
चंचल जी के लिए सब दादा बन चुके थे और सादर प्रणाम अपनी भीनी-भीनी खुशबू से सबको महका रहा था.
सादर प्रणाम ने सबको एक दूसरे का आदरणीय बना दिया था.
सादर प्रणाम मर्यादा का एक सेतु बना देता है और सादर चरण स्पर्श भारतीय सभ्यता और संस्कृति का बंध बना देता है, जिसके पार होता है केवल प्यार और मधुर भावनाओं का परम आनंद.
प्रणाम प्रेम है
प्रणाम अनुशासन है
प्रणाम शीतलता है
प्रणाम आदर सिखाता है
प्रणाम से सुविचार आते है
प्रणाम झुकना सिखाता है
प्रणाम क्रोध मिटाता है
प्रणाम आंसू धो देता है
प्रणाम अहंकार मिटाता है
प्रणाम हमारी संस्कृति है
सबको प्रणाम.